रिपोर्ट हिमाशुं यादव
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रतिष्ठित प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस (DST-PURSE) अनुदान प्रदान किया है। यह अनुदान ऊर्जा के क्षेत्र में शोध के लिए प्रदान किया गया है।इस वर्ष यह अनुदान पाने वाला यह प्रदेश का अकेला विश्वविद्यालय है। इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय में दिवाली पूर्व खुशी का माहौल है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो वैज्ञानिक अनुसंधान को एक नई दिशा देगा।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने वाला और उत्तर प्रदेश को विज्ञान एवं नवाचार में अग्रणी स्थान पर स्थापित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय का डीएसटी परियोजना पर्स के लिए चयन इसकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और ज्ञान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है।
यह विश्वविद्यालय ही नहीं अपितु पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।इस अनुसन्धान से सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा, और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक शोध होगा। यह स्थायी ऊर्जा के क्षेत्र में समकालीन चुनौतियों का समाधान करने में सहायक होगा ।उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पूर्व प्रदेश में स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं लखनऊ विश्वविद्यालय यह विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है।
मार्च 2024 में भारत के लगभग 100 विश्वविद्यालयों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, भारत सरकार को परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसके व्यापक मूल्यांकन के बाद अगस्त 2024 में कुलपति प्रो. वंदना सिंह के नेतृत्व में डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. काजल डे तथा प्रो. गिरिधर मिश्र को नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में पर्स परियोजना प्रबंधन बोर्ड के समक्ष इस परियोजना प्रस्ताव की प्रस्तुति के लिए बुलाया गया था।